Wealth
आज के समय में सम्पति पहचान और रुतबे के लिए एक पैमाना है। ‘धन,सम्पति या पैसा ’ जिसे हम आम तौर पर मुद्रा (Currency) समझते हैं। कुछ इस तरह से परिभाषित किया गया है ‘कोई वस्तु या सत्यापन योग्य रिकार्ड्स है जिसे आम तौर पर किसी विशेष देश या सामाजिक-आर्थिक सन्दर्भ में वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान और करों जैसे ऋणों के पुनर्भुगतान के रूप में स्वीकार किया जाता है।’ ये तो हुई अर्थशास्त्र वाली परिभाषा जो हमारे स्तर से ऊपर हो जाता है। हम लोगों ने अपने स्तर पर कभी ये डायलॉग तो सुना ही होगा- “पैसा खुदा तो नहीं, पर खुदा की कसम, खुदा से कम भी नहीं।” यक़ीनन, पैसा खुदा तो नहीं हो सकता। लेकिन वो कहते हैं ना, कि खुदा हर जगह मौजूद है। ऐसा ही आजकल जहाँ जाओ वहाँ पैसा होना मांगता है। पैसा जीने के लिए उतना जरूरी नहीं है जितना सम्मान पूर्वक जीने, स्टेटस मेंटेन करने, हॉस्पिटल जाने और तो और दिखावा करने के लिए है। आज पैसा show-off के लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। जीवन जीने के लिए ज़रूरी वस्तुओँ और सेवाओं को प्राप्त करने के लिए पैसा एक माध्यम है। समृद्ध, सुख़ सुविधा और विलासिता पूर्ण जीवन जीने के लिए पैसा प्रथम श्रोत है। समय के साथ दिखावा करने का प्रचलन बढ़ा है, इसके लिए लोग किसी भी हद तक जाकर ख़रीददारी/ख़र्च करने के लिए तैयार रहते हैं। आप पैसे से केवल वो सबकुछ नहीं खरीद सकते हैं जो ज़िन्दगी की बुनियादी जरूरतें हैं, बल्कि वो सबकुछ भी खरीद सकते जिसकी बहुत ज़्यादा जरूरत नहीं है, लेकिन सामाज को दिखाने के लिए बहुत जरुरी है। हालाँकि प्यार पाने या देखभाल के मायने में यह पूरी तरह से सही नहीं है।
आजकल लोगों में पैसे कमाने का धुन (और होना भी चाहिए) इस कदर सवार हुआ है कि बाकि सबकुछ गौण हो गया है। दुनिया डिजिटल हो गया है। इसलिए पैसे कमाने का तरीका भी डिजिटल हो गया है। पारम्परिक रूप से पैसा कमाने के अलावा आज डिजिटल दुनिया से ऑनलाइन पैसा कमाने की होड़ सी लगी हुई है। सिर्फ़ पैसे कमाने भर की नहीं बल्कि पैसे बचाने, ख़र्च करने और इन्वेस्ट करने के तौर-तरीकों में भी हम बहुत आगे निकल गए हैं।आज जो पैसे कमाने उसे बचाने, खर्च करने और निवेश करने के तौर-तरीकों को सीखकर मेहनत करके मास्टर बना, ओ अरब पति खरब पति बन गया है। जो नहीं सीख पाया (या कहें सीखना ही नहीं चाहता ) वो अभी भी हाड़तोड़ मेहनत करके भी केवल ज़िन्दगी गुजारने लायक ही कमा पाया है। हमें उन सफल पैसेवालों की नकल करनी चाहिए और उनसे सीखनी चाहिए कि पैसे कहाँ से और कैसे कमाई जाती है, कैसे बचाई जाती है, ख़र्च की जाती है, कहाँ रखी जाती है या इन्वेस्ट की जाती है। हमने कुछ सीखा नहीं इसलिए पैसे कमाने की दौड़ में बहुत पीछे रह गए हैं। चलिए पैसा कमाने के गुरुमंत्र को, technics, strategies को जानें और सीख़ें। कोई भी व्यक्ति हजार कदम चलने की शुरुआत पहले कदम से ही करता है। किसी भी आजीविका से पहले तो पैसे कमाएं लेकिन कमाने के साथ ही उसे बचाना भी सीखें, फिर ख़र्च और निवेश करना।