Health & Fitness

                   “Health is Wealth” स्वास्थ्य ही संपत्ति  है। कठोर परिश्रम का कोई भी विकल्प नहीं है, इसी तरह स्वास्थ्य शरीर और तंदरुस्ती  का भी कोई अन्य विकल्प नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “स्वास्थ्य, पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है, न कि केवल रोग, दुर्बलता का ना होना, दैनिक जीवन के लिए एक संसाधन, जीवन जीने का उद्देश्य नहीं। स्वास्थ्य, सामाजिक और व्यक्तिगत संसाधनों के साथ-साथ शारीरिक क्षमताओं पर जोर देने वाली एक अवधारणा है।”                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            स्वास्थ्य के प्रमुखतः दो रूप हैं। 1. शारीरिक और 2.मानसिक। इसके अलावा आध्यात्मिक, सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य भी ज़िन्दगी के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य इश्यूज हैं। स्वास्थ्य मामलों का सीधा सम्बंध हमारे आर्थिक स्तिथियों से भी है। वो ऐसे कि, हम अपने  आर्थिक सम्पन्नता का उपयोग स्वास्थ्य के किस परिपेक्ष में कर रहे हैं ?  हमारे पास बहुत सारा पैसा है। हम दुनिया की बहुत सारी सुख़ सुविधाएँ खरीद सकते हैं, खाने-पीने का सामान ख़रीद सकते हैं। लेकिन क्या फ़ायदा अगर हम अस्वस्थ्यता के करण इनका उपभोग ना कर सकें। सांसारिक सुख सुविधाओं उपयोग करना है तो शरीर का स्वास्थ्य रहना जरूरी है। हमें अपना कार्य कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए स्वास्थ्य और तंदरूस्त शरीर चाहिए। और स्वास्थ्य शरीर मेहनत करने से मिलती है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 आज के लोग आराम-तलब वाली जिंदगी जीने के आदि हो रहे हैं। शरीरिक श्रम करने से कतरा रहे हैं। दिन और रात की सोने और जागने वाली रूटीन अब नहीं रही। जिससे शरीर को अपने नियमित दिनचर्य को समायोजित करने में गड़बड़ियां पैदा हो रही हैं। प्रकृति विरुद्ध जीवनशैली और स्वास्थ्य के विपरीत खान-पान ने स्वास्थ्य मानव जीवन का गला घोंट कर रख दिया है। मनुष्य अब भी अपने ख़ुद के स्वास्थ्य के अलावा गलत खान-पान और आरामतलब की आदतें बच्चों में डाल कर अपने आने वाली पीढ़ियों तक के लिए भी अस्वस्थ्यता का गड्ढा खोद रहा है। एक स्वास्थ्य और तंदरुस्त व्यक्ति अपना पूरा जीवन सुखी होकर जीने के लिए सक्षम बन जाता है। स्वास्थ्य रहने वाला एक व्यक्ति चिकित्सीय स्थितियों वाली दावं-पेंच के लफड़े से हमेशा बचा रहता है। हमेशा स्वास्थ्य और तंदरुस्त रहने के लिए हमें चाहिए की हम अपनी उम्र के हिसाब से स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी आवश्यक और उचित जानकारियों से समय के साथ अपने आपको update रखें।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   उचित खान- पान, रहन- सहन और एक नियमित दिनचर्य का पालन करके हमेशा स्वास्थ्य और तंदरुस्त रहा जा सकता है। तंदरुस्ती को हम अपने एनर्जी लेबल, अच्छी नींद या नींद ना आना, पाचन प्रक्रिया, स्फूर्ति चंचलता आदि चीज़ों से जोड़ सकते हैं, जो हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को प्रभावित करतीं हैं। इसीलिए, स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के प्रति हमेशा सज़ग रहें। हमेशा क्रियाशील रहें। उम्र के मुताबिक़ खेल-कूद, कसरत,योग और मनोरंजन में शामिल रहें। केवल ज़रुरत भर ही आराम करें। आलस बिलकुल भी ना करें। अपने दिनचर्या को नियमित रखने की कोशिश करें। नशा बिलकुल ना करें। जंक फ़ूड, फ़ैशन फ़ूड से हमेशा सौ गज़ दूर रहें। फ़ल,जूस और देशी खाना मिल्लेट्स वग़ैरह खाएं और समय पर खाएं। हमेशा अपने से श्रेष्ट, उत्तम और सकारात्मक व्यक्तित्व वालों के संपर्क में रहें।   स्वास्थ्य और तंदरुस्ती सम्बन्धी जानकारी वाली लेख, किताबें, contents, वीडियोस आदि से जुड़े रहें। स्वस्थ रहें, मस्त रहें, तंदरुस्त रहें और आबाद रहें।

Scroll to Top