स्वास्थ्य रहना ही सबसे ज्यादा धनवान होना है। अगर हमारा स्वास्थ्य ही ठीक न हो तो चाहे कितना भी धनवान हो जाओ, कोई फायदा नहीं है। क्योंकि जब तक हम स्वास्थ्य हैं तभी तक हम कमाए हुए धन का उपयोग कर सकते हैं। अस्वस्थ ही हम अपने खुद के कमाए धन को भी उपभोग करने लायक नहीं रह जाते हैं। और हमारे कमाए धन का उपभोग कोई और ही करता है। जिंदगी में मज़ा तो तब है जब हम स्वास्थ्य हों और अपने मेहनत से कमाए धन का खुद उपभोग कर सकें और बचे हुए को दूसरों के लिए छोड़ जाएं। स्वास्थ्य रहना या ना रहना हमारी आदतों पर निर्भर करता है। यहाँ पर हम स्वास्थ्य रहने के उन 10 आदतों के बारे में बात करेंगे जो सीधा हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। ओ 10 आदतें ये हैं।
- सुबह जल्दी उठें, रात की अच्छी नींद और एक नई सुबह के लिए ईश्वर को धन्यवाद दें और एक अच्छे दिन के लिए प्रार्थना करें
- चारपाई से उठते ही स्वच्छ जल का सेवन करें
- अपनी उम्र के अनुसार व्यायाम करें
- उचित नाश्ता करें
- खुश मिज़ाज होकर काम पर निकलें
- दोपहर के खाने में कच्चा सब्जी (सलाद) की मात्रा अधिक लें
- शाम को घर आते समय काम से संबंधित सारा तनाव उधार ही छोड़ कर घर आएं
- शाम को शारीरिक हलचल को बढ़ाने वाले खेल-कूद में शामिल रहें
- शाम का खाना जल्दी और हल्का लें
10.रात को जल्दी सो जायें
1. सुबह जल्दी उठें, रात की अच्छी नींद और एक नई सुबह के लिए ईश्वर को धन्यवाद और एक अच्छे दिन के लिए प्रार्थना करें :
सुबह जल्दी उठें। नींद खुलने के बाद सबसे पहले रात भर स्वास्थ्य रखने के लिए, अच्छी नींद और एक नयी सुबह के लिए ईश्वर को धन्यवाद् दें। आज के दिन को शुभ रखने, शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। शांतिपूर्वक प्रार्थना करने से मन हल्का और प्रशन्नचित्त रहता है। आत्मविश्वास बढ़ता है। निराशा ख़त्म होती है और आप एक आशावादी बनते हैं। कल के किये गलतियों के लिए पछतावा करें और आगे इन गलतियों को ना दुहराने की कसम खाएं। अपने और अपने प्रियजनों के साथ-साथ, अन्य भले-बुरे सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें कि भले लोग और ज्यादा भले बनें और बुरे लोग अपना बुरा काम छोड़ कर भला इंसान बने। सभों के लिए सकारात्मक सोचें, इससे आपका सकारात्मक विचारधारा मज़बूत होगा। सकारात्मक सोच के कारण आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहेगा। इसे अपना daily routine बनाएं। स्वास्थ्य रहने के लिए सुबह से ही अपनी routine को ना सिर्फ follow करें बल्कि इसे अपनी आदत में शामिल कर लें। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिन की अच्छी शुरूआत जरूरी है।
2. चारपाई से उठते ही स्वच्छ जल का सेवन करें:
स्वास्थ्य रहने के लिए सुबह जल्दी उठना बहुत फायदेमंद है। उठने के बाद कम से कम 2 से 3 गिलास पानी पीना चाहिए। रात को नींद की वजह से पानी ना पीने का लम्बा अंतराल बनता है। इस अंतराल की वजह से शरीर dehydrate हो जाता है। शरीर में कम पानी के कारण स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। सुबह पानी पीने से शरीर का dehydration ख़त्म होता है। शरीर में स्फूर्ति आती है, आलस दूर होता है। सुबह जल्दी उठें। जल्दी उठने से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहने के साथ-साथ हमारे समय की भी बचत होती है। हल्का गुनगुना पानी पाचन क्रिया को ठीक रखने का काम करता है। पाचन क्रिया की सक्रियता को बढ़ाता है। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं। वो कहते हैं न कि स्वास्थ्य तन में ही स्वास्थ्य मन निवास करता है।
3. अपनी उम्र के अनुसार व्यायाम करें :
भगवन ने हमें स्वास्थ्य शरीर दिया है। इस स्वास्थ्य शरीर को स्वास्थ्य रखना हमारा कर्तव्य है। और शरीर को स्वास्थ्य बनाए रखने का जो प्रमुख कारक है, वह है व्यायाम। सुबह को किया गया व्यायाम शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। व्यायाम, खाली पेट और continue करने से शरीर में oxidation बढ़ता है। व्यायाम करने से पूरे शरीर में Blood Circulation बढ़ जाता है, जिससे मस्तिष्क तक blood आसानी से सप्लाई हो जाता है और मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में oxygen मिल जाती है। इससे तन और मन दोनों तरोताजा हो जाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपनी उम्र के अनुसार व्यायाम करना चाहिए। बच्चों को यथासंभव दौड़ना चाहिए अथवा दौड़ धूप वाला खेल खेलना चाहिए जिसे पर्याप्त पसीना आ जाये। युवकों को लम्बी दूरी की दौड़ पर जाना चाहिए। स्वास्थ्य रहना युवकों के साथ-साथ बुजुर्गों को भी खुश रहने में मदद करता है। स्वास्थ्य रहने के लिए बुजुर्गों को सुबह की ताजी हवा के समय अपनी क्षमता के अनुरूप walking पर निकल जाना चाहिए।
4. उचित नाश्ता करें :
हम जो भी खाते हैं हमारे शरीर को उसी के हिसाब से पोषण मिलता है। स्वास्थ्य शरीर के लिए पोषक तत्व युक्त खाना जरुरी है। चूँकि दिन की शुरुआत सुबह से होती है, इसलिए दिन भर स्वास्थ्य और तरोताज़ा रहने के लिए हमें सुबह के समय ही अच्छा पोषक तत्व वाला नास्ता करना चाहिए। लेकिन आज के समय में हमारे नास्ता करने की आदतें ख़राब हैं। हम packed food, ready to eat या fast food वाला नास्ता लेने लगे हैं, जो स्वास्थ्य की नज़र में बिलकुल भी अच्छा नहीं है। इन चीजों से खास तौर से autoimmune disease हो सकते हैं जो बाकी सभी प्रकार के बिमारियों के होने का कारण बनता है। इससे अच्छा कि आप अपने kitchen में बना नास्ता करें। सबसे बढ़िया है, कि स्वास्थ्य रहने के लिए आप फलाहार ग्रहण करें। चाहे तो आप चना,बादाम, काजू, किसमिस, मुंग गोटा आदि को अंकुरित करके खाएं। अंकुरित अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। सूखे अनाज में जो पोषक तत्त्व मौजूद रहता है वही पोषक तत्व अनाज के अंकुरित होने पर सक्रिय हो जाता है, जिसके सेवन से शरीर स्वास्थ्य रहता है।
5. खुशमिज़ाज होकर काम पर निकलें:
अगर स्वास्थ्य रहना है तो खुशमिज़ाज रहना सीखिए। खुशमिज़ाजी को अपनी आदत में शामिल कीजिए। खुशमिज़ाजी इंसान स्वास्थ्य रहने के कारण अपने successful होने के रास्ते पर औरों से बहुत आगे रहता है। खुश रहने से Physically और Mentally बीमार होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। स्वास्थ्य के प्रति आपकी सोच पर सकारात्मकता बढ़ती है। ख़ुशमिज़ाजी एक बेश कीमती दवाई है, लेकिन बिलकुल मुफ़्त है। और सबसे बड़ी बात ये है कि ये आप ही के पास है। ख़ुशमिज़ाजी को ना कहीं से खरीदना है ना कहीं पर बेचना है। बस इसे अपनी आदत बनाना है। एक मरीज़ अगर बीमारी के समय भी हताश-निराश नहीं होता है बल्कि स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक रहते हुए खुश रहता है तो वह बीमारी से बहुत जल्दी Recover हो जाता है। इसलिए, अगर medicine खाने की आदत से बचना है तो खुशमिज़ाज रहने की कला को अपनी आदत बनाएं। खुश होकर काम पर जाएं और वापस घर आएं तो खुशियाँ साथ लेकर आएं।
6. दोपहर के खाने में कच्चा सब्जी (सलाद) अधिक मात्रा में लें:
खाना, खाना जीवित रहने लिए जरूरी है, लेकिन अच्छा खाना खाना स्वास्थ्य रहने के लिए जरूरी है। स्वास्थ्य रहने के लिए एक balanced diet लेना बहुत जरूरी है। दोपहर के खाने में आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी 4 या 5 प्रकार का कच्चा सब्जी (फल या फिर साथ में पत्ता भी) खा सकते हैं। आप अपने वजन (kg में) का 5 गुणा के बराबर जो संख्या आती है उतने gm का कच्चा सब्जी रोज खाएं। इसे खाने के थोड़ी अंतराल के बाद ना के बराबर तेल और नमक वाला घर का बना शाकाहारी भोजन करें। (सन्दर्भ- DIP Diet, Dr. BRC) आप स्वास्थ्य संबधी diet के लिए किसी अच्छे nutritionist की सलाह बल सकते हैं।
7. शाम को घर आते समय सारा तनाव छोड़ कर घर आएं:
तनाव एक प्रकार से psychological और physical reaction है। ये किसी व्यक्ति विशेष में तब पैदा हो जाता है जब वह अपने किसी मांगों या जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है। या किसी अनुचित भावनाओं में बह जाता है। तनाव किसी भी स्वास्थ्य शरीर में बहुत बुरा असर छोड़ता है। यह स्वास्थ्य शरीर को भी बीमार कर देता है। मन में तनाव होने से मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता। mentally disturb होने से इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य शरीर पर पड़ता है। nervous system से Adrenaline और cortisol रसायन के श्राव होने के कारण heart beat तेज हो जाती है, blood pressure बढ़ जाता है, सांसें तेज चलने लगती हैं, muscles shrinking होने लगती हैं, autoimmune system कमजोर पड़ती है, digestion प्रणाली गड़बड़ा जाती है। ऐसे ही अन्य समस्याएं जैसे reproductive system, early aging, heart attack, आदि की संभावनाएं बढ़ जाती है।
तनाव से बचने का सबसे अच्छा उपाय है अपने आप को व्यस्त रखना है। तनाव मुक्त और स्वास्थ्य रहने के लिए कोई भी ऐसे काम में करें जिसमें आपकी रुचि है। स्वास्थ्य मानसिकता वाले लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय रहें। मज़ाकिया और हसीं-ठिठोली करने वाले विनोदी लोगों की संगति में रहें। बुरे विचारों को हावी न होने दें। तनाव पैदा करने वाली आदतों से दूर रहें। सात्विक भोजन करें और शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतों को अभिसात करें।
8. शाम को शारीरिक हलचल को बढ़ाने वाली खेलकूद में शामिल रहें:
अगर आप शारीरिक श्रम वाले काम नहीं करते हैं, दिन भर बैठ कर काम करते हैं तो बहुत जरूरी है कि आप स्वास्थ्य रहने के लिए शाम को किसी भी physical activity वाला खेल खेलें। यहाँ physical activity से मतलब है शरीर से पसीना निकलने तक मेहनत करना। स्वास्थ्य शरीर तभी बनता है जब आप शरीर से regular पसीना बहाते हैं। दैनिक क्रिया से अलावा शरीर की सफाई का सबसे बढ़िया तरीका पसीना बहाना है। इसलिए स्वास्थ्य रहने के लिए पसीना बहाना अपनी आदत में शामिल कर लें। मेहनत को अपनी आदत में शामिल करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि अपनी पसंदीदा खेल को चुनें और उसे खूब interest लेकर खेलें। खेलने से आप थक जायेंगे और थकने की वजह से आपको रात को अच्छी नींद आएगी। स्वास्थ्य रहने के लिए नींद बहुत जरूरी है। इसलिए खेलकूद को स्वास्थ्य रहने के की दृष्टि से अपनी जीवन का अनिवार्य आदत बना लें।
9. शाम को जल्दी और हल्का खाना खाएं:
जैन लोग सूरज डूबने से पहले ही खाना खा लेते हैं। इसका कारण शायद अहिंसा है। रात के समय light जलने से कीड़े मकोड़े light से आकर्षित हो कर घर के अंदर आ जाते हैं और तेज लाइट से झुलस कर मर जाते हैं, जो क़ि एक प्रकार की हिंसा ही है। लेकिन स्वास्थ्य की नज़र से भी सूर्यास्त से पहले खाना खा लेना बहुत फायदेमंद है। सूर्यास्त के बाद हमारी digestive system धीमी पड़ जाती है जिससे खाना ठीक से नहीं पच पाता है। और पेट में कब्ज़ हो जाता है। इससे सांसों से दुर्गन्ध आती है, दांतों में सड़न होती है, गले और जोड़ों से संबंधित कई समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए स्वास्थ्य रहना है तो खाने की आदत बदलनी पड़ेगी। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शाम को बिलकुल कम या ना के बराबर खाएं। सूर्यास्त से पहले खा लें। खाने के बाद खाना को पचने के लिए प्रयाप्त समय दें। सोने से पहले खाना पच जाना चाहिए। इस प्रकार जो एनर्जी खाना पचाने में खर्च होती वो अब आपको गहरी नींद सुलाने में खर्च होगी। और गहरी नींद स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
10. शाम को जल्दी सो जाएं:
जीवित रहने के लिए जितना जरूरी खाने का है, स्वास्थ्य रहने के लिए उतना ही जरूरी नींद है। अगर स्वास्थ्य जीवनशैली जीना है तो प्रयाप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। आज के समय में लोगों के सोने की आदत बहुत गलत है। लोग देर रात को सोते हैं और देर सबेरे उठते हैं। आजकल लोगों के अस्वस्थ्य रहने का बाकी कारणों के अलावा देर से सोना भी एक बड़ा कारण है। देर से सोने से स्वास्थ्य से सम्बंधित वही दिक्कतें होती हैं जिनकी चर्चा हम बाकी आदतों की चर्चा के समय कर चुके हैं। रात में जल्दी सोने से सुबह होने तक नींद पूरी हो जाती है। नींद पूरी होना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। जल्दी सोने से हम सुबह जल्दी उठ पाते हैं। एक अच्छी नींद depression, heart problems, weight reduce, fresh mind, diabetes, hair fall, active body के अलावा skin glow, fat loss आदि में अपना असर दिखाती है। इसलिए हमेशा जल्दी सोने की आदत डालनी चाहिए। जिसे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों बेहतर हो सके।
* ऊपर दी गई सारी जानकारियां स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी जानकारियों में से चुनिंदा जानकारियाँ हैं। आप किसी भी अन्य स्रोतों से अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी अधिक जानकारियां इकट्ठा कर सकते हैं। तथा किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकार से उचित सलाह ले सकते है। यहाँ दी गई सभी जानकारियां सतही और आम जानकारियां हैं। जानकारियों की पूरी तरह से सही होने को हम प्रमाणित नहीं करते हैं।
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