पैसा क्या है ? What’s Money ?

Contents:

> पैसा क्या है ?

> पैसे को मान्यता देने के प्रकार                                                                                                                १. कमोडिटी मनी (पैसा )    

                                                                                                                                                         अ) कमोडिटी पैसा क्या है ?                                                                                                                                   ब) कमोडिटी पैसा के प्रकार 

स) कमोडिटी बाजार क्या है ?                                                                                                                         द) कमोडिटी बाजार के प्रकार 

  1. i) भौतिक कमोडिटी बाजार 
  2. ii) वित्तीय कमोडिटी बाजार 

        २. प्रतिनिधि पैसा  

        ३. फिएट पैसा 

पैसा क्या है ?

              आखिर पैसा क्या है ? जिसके पीछे दुनिया पागल है। आज लोगों में एक ही धुन सवार है पैसा, पैसा और पैसा। पैसा, धन का एक पैमाना है लेकिन आम बोल चाल में पैसा, मुद्रा, धन, संपत्ति इन सभी को एक ही तात्पर्य  के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे कहा जाता है कि पैसा कामना है। यहाँ  पैसा का मतलब पैमाना से नहीं है बल्कि धन-सम्पदा या दौलत से है। यहाँ हम पैसे शब्द को पैमाना नहीं बल्कि धन, संपत्ति या मुद्रा आदि के सामान ही उपयोग करेंगे।

           अमूमन किसी देश  की सरकारी व्यवस्था द्वारा किसी धातु या कागज से टुकड़ा जिसे एक निर्धारित design और मूल्य दे दिया जाता है जिससे की उसके मूल्य के बराबर की कोई वस्तु का विनिमय किया जा सके ऐसे चीज को हम पैसा कहते हैं या मुद्रा कहते हैं। अगर ये धातु से बनी है तो हम इसे सिक्का कहते हैं और कागज से बनी है तो नोट कहते हैं। दुनिया के देशों के अपने अलग-अलग मुद्रा है। पैसा या रुपया भारत की मुद्रा है।

पैसा या धन को मान्यता देने की तीन प्रकार है।

१. कमोडिटी पैसा  

२, प्रतिनिधि पैसा 

३. फिएट पैसा  

१. कमोडिटी पैसा क्या है ?

         कमोडिटी का मतलब एक मौलिक वस्तु से है, बुनियादी वस्तु से है। यानि प्रकृति में पाए जाने वाले ऐसे पदार्थ, कोई उत्पाद या कोई भी सामान जिसे मानव अपनी जरूरतों के लिए एकत्र करता है या संसाधित करता है उसी को सामान्यता कमोडिटी कहते हैं। जिसे खास कर ख़रीदा या बेचा जाता है और पैसा कमाया जाता है। ऐसी चीजों को हम कमोडिटी संसाधन कहते हैं। जैसे- अनाज, कॉफी, तेल, चीनी, कीमती धातु आदि। 

          कमोडिटी मनी को हम इस प्रकार से समझ सकते हैं कि, कोई भी ऐसी वस्तु जिसको हम धन के रूप में उपयोग में नहीं ले रहे होते हैं तब भी इसका मूल्य बना रहता है। जिसे हम उस वस्तु की आंतरिक मूल्य कहते हैं। कमोडिटी कोई भी एक वस्तु है जिसे उसके मूल रूप में किसी अन्य वस्तु से विनिमय, खरीद-विक्री या व्यापार किया  किया जा सकता है। प्राचीन समय में जब करेंसी प्रचलन में नहीं था और व्यापारिक गतिविधियां उन्नत नहीं थे, तब कमोडिटी यानि किसी भी वस्तु को एक मूल्य के बराबर आंका जाता था, और उसी के मूल्य के बराबर किसी अन्य वस्तु से उसकी अदला-बदली कर सौदा को पूरा किया जाता था। इसी वस्तु को हम कमोडिटी मनी या मुद्रा कहते हैं। 

कमोडिटी पैसा के  प्रकार 

>   धातुएं: जैसे कि सोना, चांदी, लोहा, निकिल, कॉपर, अल्युमिनियम, प्लैटिनम आदि 

>   कृषि उत्पाद : जैसे कि दलहन, तिलहन, चीनी, कपास, कॉफी, अण्डे आदि 

>   खनिज उत्पाद : कोयला, बिजली, प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल, यूरेनियम, एथेनॉल आदि 

>   पर्यावरण : कार्बोन उत्सर्जन, सफ़ेद प्रमाण पत्र, नवीनीकरण ऊर्जा आदि 

कमोडिटी बाजार: 

          कमोडिटी बाजार एक ऐसी जगह जहाँ पर कच्चा मॉल या प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें तय की जाती है। जो वैश्विक अर्थव्यवथा को प्रभावित करती हैं। जहाँ कच्चे माल तथा प्राथमिक उत्पादों का सौदा किया जाता है या कारोबार किया जाता है। व्यापारी अपने कॉन्ट्रैक्ट का लेन-देन करता है, ऐसे जगह को हम कमोडिटी बाजार कहते हैं।  

कमोडिटी  बाजार के प्रकार 

          कमोडिटी बाजार को भारतीय सन्दर्भ में दो प्रमुख वर्ग में वर्गीकृत किया गया है 

(i) भौतिक कमोडिटी बाजार 

(ii) वित्तीय कमोडिटी  बाजार 

(i) भौतिक कमोडिटी बाजार : 

            इस प्रकार के बाजार के लिए भौतिक रूप से बाजार का होना आवश्यक है। यह एक केंद्रीय बाजार होता है। जहाँ व्यापारी लोग खरीद-विक्री करने के लिए एकत्रित होते हैं। भौतिक कमोडिटी बाजार वो बाजार है जहाँ फसलें जैसे अनाज और दालें आदि, कीमती धातु जैसे सोना, चाँदी, हीरा, औद्योगिक धातुएं जैसे तेल डीज़ल, बिजली आदि-आदि। 

    

(i i) वित्तीय कमोडिटी बाजार 

             जब भी किसी वस्तु को किसी बाजार में भौतिक रूप से सौदा-बाजी करने बजाय पेपर ट्रेडिंग या कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर किया जाता है तब उसे वित्तीय कमोडिटी बाजार कहते हैं। कृषि उत्पादों,धातुओं ऊर्जा आदि।   

   

२. प्रतिनिधि पैसा क्या  है ?

प्रतिनिधि मुद्रा सिर्फ एक कागज का टुकड़ा या कोई साधारण सा टोकन हो सकता है, जिसे किसी भी वस्तु द्वारा समर्थन प्राप्त होती है उसे हम प्रतिनिधि धन, पैसा या मुद्रा कहते हैं। प्रतिनिधि पैसा  एक पोर्टेबल मुद्रा है, जिसका अपना कोई मूल्य नहीं होता है बल्कि यह अन्य किसी मूल्यवान वस्तु के मूल्य के बराबर का समर्थन प्राप्त करता है, इसे रसीद मुद्रा भी कहते हैं और यह भौतिक, मुद्रित अथवा डिजिटल रूप में हो सकता है।  पैसा या मुद्रा जिसे किसी भी वस्तु के विनिमय के लिए उसके बराबर मूल्य का समझा जाता है उसे ही हम प्रतिनिधि पैसा  कहते हैं। इसे हम ऐसे समझ सकते है, कि कोई भी मुद्रा जिसे किसी सामान के बराबर मूल्य का समर्थन प्राप्त है और उसी समर्थन के आधार पर हम उस मुद्रा को किसी वस्तु के बदले विनिमय कर सकते हैं। कमोडिटी पैसा को हम आम तौर पर नोटों के रूप या सिक्के के रूप में किसी भी वस्तु के बदले विनिमय कर सकते हैं। कमोडिटी पैसा के कुछ उदहारण हैं, जैसे: चेक (cheque), क्रेडिट कार्ड (credit card) आदि।  

३. फिएट मनी  है ?

“फिएट” एक लैटिन शब्द है जिसका मतलब होता है ‘यह होगा’| फिएट मुद्रा सरकार द्वारा जारी की गई एक प्रकार की मुद्रा है जो किसी भी मूर्त सम्पति या धातु या वस्तु जैसे सोना, चांदी से समर्थित नहीं होती है। फिएट मुद्रा या पैसा, मुद्रा जारी करने वाले में आम लोगों के विश्वास पर आधारित होता है। फिएट मनी या पैसा आम तौर से किसी भी देश की सरकार या फिर उस देश की Central Bank होती है। फिएट करेंसी एक किसी भी देश की राष्टीय मुद्रा होती है। तथा इसकी कीमत किसी सोने, चांदी, या किसी भी कीमती वस्तु की कीमत से जुड़ी नहीं होती है। सभी प्रकार की राष्ट्रीय मुद्राएं फिएट मुद्राएं हैं। बड़े राष्ट्र की कुछ फिएट मुद्रायें जैसे यूरो, यु एस डॉलर, जापानी येन, पोंड स्टर्लिंग है।  

           फिएट मुद्रा, कमोडिटी मुद्रा का एक विकल्प है। फिएट मुद्रा में साधारणत: आंतरिक मूल्य नहीं होता है। फिएट मुद्रा का मूल्य केवल इतना ही होता है कि बैंक आदि को भरोसा होता है कि किसी भी लेन-देन के भुकतान करने पर व्यापारियों और अन्य लोगों द्वारा इसे स्वीकार किया जायेगा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर फिएट मुद्रा केंद्रीय बैंकों को नियंत्रण प्रदान करती है। फिएट मुद्रा के आधार पर ही कोई केंद्रीय बैंक तय करती है कि कितना पैसा छपा जाये। 

          फिएट मुद्रा कोई अन्तर्निहित वस्तु नहीं होती है, इसीलिए यह अपरिवर्तनीय है तथा इसे भुनाया नहीं जा सकता है।  यह किसी भी कीमती धातु जैसे कि सोने या चांदी के भंडार से जुड़ी नहीं रहती है जिसके कारण मुद्रा स्फीति के समय इसके मूल्य कम होने का जोखिम  है।

उपसंहार:

          स्वास्थ्य के बाद अगर कोई चीज महत्वपूर्ण है तो वो है पैसा। बेशक अगर हम स्वास्थ्य हैं तो दुनिया में हम सबसे ज्यादा धनवान हैं। हमारे पास चाहे जितना भी धन हो पर हम स्वास्थ्य ना रहें तो हमारे लिए पैसा का होना ना होना सब बराबर है क्योंकि बीमार रह कर अपने दौलत का मज़ा नहीं ले सकते। एक स्वास्थ्य शरीर में ही स्वास्थ्य मन निवास करता है और जहाँ स्वास्थ्य मन रहता हैं वहीं सारी खुशियां होतीं हैं। 

          सवाल ये भी है कि अगर हम पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हैं लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है तो क्या फायदा। क्योंकि यहाँ भी हम जिंदगी का मज़ा नहीं ले पाएंगे। एक अस्वस्थ व्यक्ति भी पैसा कमा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि एक अस्वस्थ आदमी कितना भी पैसा कमा ले, ओ उस पैसे का केवल दिखावा ही कर सकता है, उपभोग नहीं कर सकता। लेकिन एक स्वास्थ्य व्यक्ति जो भी कमायेगा उसका पूरा-पूरा उपभोग करेगा।

           सोशल मीडिया में हम कितने ही धनाढ्य लोगों को देखते हैं जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है, पर स्वास्थ्य बहुत ख़राब है। ऐसे लोगों के लिए पैसों की कोई अहमियत नहीं रह जाती। किसी के पास बहुत पैसा होना या बहुत सारा पैसा कमाना अलग बात है, लेकिन स्वास्थ्य रह कर काम पैसों में भी खुश रहना और भी अलग बात है। जहाँ तक पैसा और स्वास्थ्य की बात है तो निश्चित रूप से स्वास्थ्य को हमेशा अहमियत पर रखना चाहिए। 

            

          स्वास्थ्य और पैसा की दोनों ही अपनी जगह बहुत अहमियत रखते हैं। हमने आज के कंटेंट में पैसा, धन या मुद्रा के बारे में चर्चा की है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि हमने स्वास्थ्य को नज़र अंदाज कर दिया है। हम अलग-अलग समय पर अलग-अलग टॉपिक पर चर्चा करेंगे। आज हमने पैसे की टॉपिक पर चर्चा की शुरुआत की है। और पैसों के मूल बातों की जानकारी लेकर आगे की लेबल के लिए प्लेटफार्म तैयार करने का प्रयास किया है। आज हमने पैसा क्या है इस मुद्दे को ठीक तरीके से समझने का प्रयास किया है। आगे चल कर हम पैसा ही नहीं बल्कि पैसों की नियत को भी समझने का प्रयास करेंगे। 

             आज टॉपिक के अलावा सामान्य बातों को भी शामिल किया गया है। ताकि हम आगे आने वाले समय में मूल बातों को जोड़ कर टॉपिक को इंटरेस्टिंग और जानकारी योग्य बना कर ला सकें। आज हमने पैसा के बारे में जाना है। पैसा को उड़ाना तो आसान है लेकिन कमाना उतना ही मुश्किल है। इसलिए पैसों को सीखना है ताकि हम पैसों की उचित व्यवस्था के साथ मैनेज कर सकें।

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